अगली सुबह।
अग्निहोत्री हाउस में।
रोज सुबह के तरफ दादाजी अपनेकमरे निकल कर ध्रुव को देखनेउसके कमरे मेआए जहां ध्रुव सो रहा
था।
ध्रुव सुकून सोता हुआ देखकर दादाजी उसके करीब आकर उसेसिर पर प्यार हाथ फेरनेलगे। ध्रुव नींद
काफी कच्छी थी। वो बिल्कुल निहिर के तरह था घेहरी नींद कभी नही सोता था। दादाजी छुनेपर उसने
जल्दी सेअपनेआंखेंखोली,"दादू आप यहा
"हा तुम्हें देखनेआया था."। दादाजी ध्रुव सेमुस्कुरातेहुए बोलें।
"क्या कोई सप्राइज है आप मुझेदेना चाहतेहों." ध्रुव दादाजी जी के चेहरे मुस्कान को देखकर बोला।
"आप काफी होशियार बच्चेहो अपनेडेड तरह हा आपके लिए हमारे पास कुछ है जो मुझेआपको
दिखाना है आप जल्दी सेफ्रेश होकर नीचेआइए दादाजी नेकहा और ध्रुव के कमरे सेबाहर चलेगए।
उनके जानेके बाद ध्रुव जल्दी सेबिस्तर उतर कर वाशरूम मेंफ्रेश होनेचला गया।
दादाजी मुस्करा आगेबढ़ रहज थेरास्तेउन्हें दादी जी मिलीं जो सुबह नहा धोकर आरती थाल लिए
मंदिर तरफ जा रही थी।"कहा गए थेआप सुबह सुबह"
ध्रुव के कमरे में"दादाजी बोलें।
"क्यो "दादी जी बोली
"वो हम उसेकुछ काम था"। दादाजी बोलें
" क्यो? आप बच्चेकी इतनी सुबह नींद तोड़नेजातेहो बच्चा है वो सोनेदिजिए उसे."दादी हल्की डांटते
हुए दादाजी सेबोली।
"हम उनकी नींद तोड़नेनहीं बल्कि उसेकुछ बतानेगए थे "दादाजी दादी के डांटनेपर मुंह बनाकर बोलें।
तो दादी जी उसकी बात सुनकर आंखेंछोटी करतेहुए उनसेपुछनेलगीं"अच्छा एसी क्या बात है बतानी
है आपको जो आप थोडी देर भी इंतजार नहीं कर सकतेथे"
जिसके जवाब मेंदादाजी बोलें,"वो बात हम आपको क्यों बताएंगेवो हमारे पोतेऔर हमारी बीच की
बात है."है
"आपसेबेहस करना मतलब पत्थर पर सिर पटकना." दादी दादाजी बात सुनकर सिर हिलाकर बोली।
"जानती होतेहुए आप वो काम बार बार करनेआती हों जाइए आपके भगवान आपका मंदिर इंतजार
कर रहे होंगे"दादाजी उसके हाथ मेंपुजा की थाल देखकर बोलें।
"हा तो जा रहे हैं आपकी तरह नहीं है जो सुबह हुई थी दुसरो नीद हराम करनेचल पड़े हटिए हमारे रास्ते
से " दादी दादाजी तानेमारतेहुए उन्हें साइड करके वहां सेआगेबढ़ गई।
"अजीब औरत है यह खुद हमारा रास्ता रोके खडी थी और हम पर रोप झाड़कर चली गई" कहतेहुए
दादाजी घूरतेहुए डायनिंग टेबलटे तरफ़ बढ गए।
तविक जो कल रात अपनेदोस्त के साथ पार्टी मनानेगया वो सुबह सुबह छुपतेछुपातेघर के अंदर
दाखिल होतेहुए बोला,"प्लीज़ भगवान लिविंग मेरे क्रिग कोबरा दादा जी बैठा ना हो वरना मुझेदेखतेही
निगल जाएंगेकहतेतविक हड़बड़ी अपनेकमरे तरफ बढ रहा था कि तभी उसके कानो तेज आवाज
सुनाई पड़ी।
कहा सेआ रहे आप शहजादे जी आवाज सुनकर तविक के कान खड़े हो गए।वो अपनी आंखेंभिंचकर
बोला,"गई भैंस पानी में."कहतेहुए तविक पल्टा जहां दादाजी उसके तरफ बढ रहे थे।
जिसेदेखकर तविक के होश उड़ गए लेकिन फिर वो जबरदस्ती मुस्कुरातेहुए बोला,"ही ही ही मुड
मार्निंग दादाजी."
कहा सेआ रहे आप सुबह सुबह। दादाजी सख्त आवाज मेंबोले
"वो मैंजाॅगिग करनेगया था"।तविक दांत दिखातेहुए बोला।
"बिजनेस सुट पहन कर."। दादाजी सख्त निगाहों सेघूरतेहुए बोलें।
जिसेसुनकर तविक अपनेकपड़े को देखकर हड़बड़ा गया और जल्दी सेबोला,"हा वो मुझेजाॅगिग शूट
मिल नही रहा था बिजनेस सुट पहन कर चला गया"
"आपको हम पागल नजर आतेहैं क्या जो आपकी झुटी बातों मेंआ जाएंगे। दादाजी उसेघूरतेहुए बोले
"अह हम सच कह रहे हैं" हैं उनके घूरनेपर तनिक डरतेहुए बोला।
"चुप बिल्कुल चुप हमेझुठ सुना पसंद नहीं है यह जानतेहुए आप हमारे मुंह पर झुठ बोल रहे हैं।हैं
दादाजी उसके उपर गुस्सेसेचिल्लातेहुए बोले।
मालवी जो किचन मेंसेचाय नाश्ता लेकर बाहर आ रही थी।उसकी नजर दादाजी और मुंह छोटा किए
तविक पर गई।
"दादाजी आपकी चाय" कहतेहुए मालवी उनके पास आईं। जहां तविक नजर मालवी पर गई तो वो
आंखेंसेमालवी कहनेलगा। भाभी कुछ करो ना प्लीज मुझेबचा लो."
जिसके जवाब मालवी अपनी गर्दन ना हिलाकर आंखों के इशारे से बोली,"सॉरी भैया मैं दादाजी सामने
कुछ नहीं कर सकतीं."
"सोचना भी मत वो तुम्हें हमारे सामनेछुड़ा कर लेजाएंगी" दादाजी तविक चेहरे इशारे देखकर बोलें।
जिस दोनों हड़बड़ा दादाजी को देखनेलगें। उसकी तेज आवाज सुनकर दादी जो मंदिर मेंआरती कर
रही थी वो जल्दी सेलिविंग एरिया मेंआई।
क्यों चिल्ला रहे मेरे बच्चेपर."दादी कहतेहुए उनके तरह आईं। दादाजी नेआ रही दादी को देखकर
बोलें,"चिल्लाई नहीं तो क्या करें रात भर आपका नवाबजादा बाहर का और सुबह घर पर छुपातेछुपाते
हुए आया है.